Ghar Bharat Chauhan Lyrics in Hindi | Ankush Lyrics

ghar bharat chauhan lyrics in hindi



Ghar Bharat Chauhan Lyrics in Hindi

कभी मेरे घर की दहलीज़ पे
जो तुम कदम रखोगे
तो सीलन लगी कच्ची दीवारों पे
खुद को देख के चौकना नहीं
हाँ चौकना नहीं
तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं
तुम्हारे जाने के बाद कोई इन्हें रंगने आया नहीं

खोने में टूटा सा फूलदान
बिस्तर पे बिखरी किताबें

चादर की वो तीखी सी सिलवटें
यादों की चुभती दरारें
सोचा था कोई सवार देगा
गम में मुझे बहार देगा
तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक हुई ही नहीं
तुम्हारे जाने के बाद कोई भी दस्तक यहाँ हुई ही नहीं

सुना है वो गालों पे भवर लिए
चलती है नंगे पाँव आँखों में सहर लिए
सूरज बुझे तो यहाँ भी आना
फ़ासलों में तुम खो ना जाना
कभी तो भुले से तुम
मेरे इस घर को महकाना
कभी तो भुले से तुम
मेरे इस घर को महकाना

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